भारत की आधी आबादी गांवों में रहती है इसके बाद भी गांवों का विकास कम ही हो सका है। सरकारें योजनाएं तो बनाती हैं लेकिन सरकार की योजनाओं को सही तरिके से क्रियान्वयन को लेकर कोई उचित तंत्र नहीं है। विकसित देशों की तर्ज पर समाज सेवा के कार्य को विकास गतिविधि में जोड़ने के उद्देश्य से हमने इस फाउंडेशन का उदगम किया है। हमारा मकसद एक ऐसे मानव समूह का निर्माण करना है जो मानवीय विकास को लेकर कार्य करे। समाज को एक धागे में पिरोकर विकसित देशों की तर्ज पर हम ग्राम के हर युवा को प्रोजेक्टरमेन बना देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे देश का युवा तकनीक का इस्तेमाल अपने ख्ुाद के विकास के लिए कर सके। हमारी इस समिति का मकसद एक सभ्य एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला मानव तैयार करना है।
ग्रामोजन फाउंडेशन की स्थापना
ग्रामोजन फाउंडेशन की स्थापना ग्रामीण जनों के स्थानीय मुदद्दों को केन्द्र में रख सर्वजनकल्याण हेतु नीतिगत ध्यानाकर्षण के लिए की गई है। ग्रामोजन जमीनी स्तर पर डिजिटल चौपाल, एवं सोशल मीडिया पर बड़े समूह के साथ डिजिटल संवाद स्थापित कर स्थानीय मुद्दों पर जनता की आवाज बनता है। ग्रामोजन की नीति में सबसे छोटे स्तर के युवाओं में नेतृत्व विकास कर उन्हें सामाजिक राजनीतिक एवं व्यवसायिक सक्षता प्रदान करना है । ग्रामोजन मानव कल्याण में डिजिटल क्रांति का रूप ले चुका है।
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