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विश्व पर्यावरण दिवस पर बैठक 
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ग्रामोदय से भारत उदय  अभियान की शुरुआत
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भारत की आधी आबादी गांवों में रहती है इसके बाद भी गांवों का विकास कम ही हो सका है। सरकारें योजनाएं तो बनाती हैं लेकिन सरकार की योजनाओं को सही तरिके से क्रियान्वयन को लेकर कोई उचित तंत्र नहीं है। विकसित देशों की तर्ज पर समाज सेवा के कार्य को विकास गतिविधि में जोड़ने के उद्देश्य से हमने इस फाउंडेशन का उदगम किया है। हमारा मकसद एक ऐसे मानव समूह का निर्माण करना है जो मानवीय विकास को लेकर कार्य करे। समाज को एक धागे में पिरोकर विकसित देशों की तर्ज पर हम ग्राम के हर युवा को प्रोजेक्टरमेन बना देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे देश का युवा तकनीक का इस्तेमाल अपने ख्ुाद के विकास के लिए कर सके। हमारी इस समिति का मकसद एक सभ्य एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला मानव तैयार करना है।
क्या होती है ग्राम पंचायत? किसी भी ग्रामसभा में 200 या उससे अधिक की जनसंख्या का होना आवश्यक है। हर गाँव में एक ग्राम प्रधान होता है। जिसको सरपंच या मुखिया भी कहते हैं। 1000 तक की आबादी वाले गाँवों में 10 ग्राम पंचायत सदस्य, 2000 तक 11 तथा 3000 की आबादी तक 15 सदस्य हाेने चाहिए। ग्राम सभा की बैठक साल में दो बार होनी जरूरी है। जिसकी सूचना 15 दिन पहले नोटिस से देनी होती है। ग्रामसभा की बैठक बुलाने का अधिकार ग्राम प्रधान को होता है। बैठक के लिए कुल सदस्यों की संख्या के 5वें भाग की उपस्थिति जरूरी होती है।  ग्राम पंचायत के 1/3 सदस्य किसी भी समय हस्ताक्षर करके लिखित रूप से यदि बैठक बुलाने की मांग करते हैं, तो 15 दिनों के अंदर ग्राम प्रधान को बैठक आयोजित करनी होगी। ग्राम पंचायत के सदस्यों के द्वारा अपने में से एक उप प्रधान का निर्वाचन किया जाता है। यदि उप प्रधान का निर्वाचन नहीं किया जा सका हो तो नियत अधिकारी किसी सदस्य को उप प्रधान नामित कर सकता है।  प्रधान, उपप्रधान को पद से हटाना अगर ग्राम प्रधान या उप प्रधान गाँव की प्रगति के लिए ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे पद से हटाया भी
भारत की आधी आबादी गांवों में रहती है इसके बाद भी गांवों का विकास कम ही हो सका है। सरकारें योजनाएं तो बनाती हैं लेकिन सरकार की योजनाओं को सही तरिके से क्रियान्वयन को लेकर कोई उचित तंत्र नहीं है। विकसित देशों की तर्ज पर समाज सेवा के कार्य को विकास गतिविधि में जोड़ने के उद्देश्य से हमने इस फाउंडेशन का उदगम किया है। हमारा मकसद एक ऐसे मानव समूह का निर्माण करना है जो मानवीय विकास को लेकर कार्य करे। समाज को एक धागे में पिरोकर विकसित देशों की तर्ज पर हम ग्राम के हर युवा को प्रोजेक्टरमेन बना देना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे देश का युवा तकनीक का इस्तेमाल अपने ख्ुाद के विकास के लिए कर सके। हमारी इस समिति का मकसद एक सभ्य एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला मानव तैयार करना है।